पहले आया था एक बाबा
जो मैदान छोड़कर भागा
और अब आये हैं एक हजारे
पर दुश्मन हैं बहुत सारे
राज घाट पर मौन व्रत करके डेरा जमाया
दो घंटे से भी ज्यादा ध्यान लगाया
जुट गई थी भीड़ भी बहुत भारी
पुलिस भी आ गई थी बहुत सारी
मै डर गया की अब बाबा जैसा न हो हाल
पर अन्ना जी के समर्थक आराम से ले गए निकाल
अब सात बजे बुला रखी थी पत्रकारों की टोली
वहीँ पर अन्ना जी ने बहुत ही अच्छी -अच्छी बाते बोली
वो बोले की दुसरे की भाषा बोल रहे हैं प्रधानमंत्री
बिना हुक्म मिले राजघाट पर क्या कर सकते थे संत्री
सुबह-सुबह लोग आने हो गए थे शुरू
पर अपने ही घर में थे अभी महागुरु
दस बजे बनाया था अनशन का पोग्राम
चारो तरफ लग गया था पुलिस का जाम
क्या कर रही है ये तानाशानी सरकार
आखिर अन्ना जी को कर ही लिया गिरफ्तार
हमें मिलकर हल्ला बोलना होगा
और इस नासूर को ख़त्म करना होगा
अगर हो मन में भ्रष्टाचार का खातमा करना
चलो उठो और कसो कमर नही तो ऐसे ही मरना
............... जय हिन्द ...............
जो मैदान छोड़कर भागा
और अब आये हैं एक हजारे
पर दुश्मन हैं बहुत सारे
राज घाट पर मौन व्रत करके डेरा जमाया
दो घंटे से भी ज्यादा ध्यान लगाया
जुट गई थी भीड़ भी बहुत भारी
पुलिस भी आ गई थी बहुत सारी
मै डर गया की अब बाबा जैसा न हो हाल
पर अन्ना जी के समर्थक आराम से ले गए निकाल
अब सात बजे बुला रखी थी पत्रकारों की टोली
वहीँ पर अन्ना जी ने बहुत ही अच्छी -अच्छी बाते बोली
वो बोले की दुसरे की भाषा बोल रहे हैं प्रधानमंत्री
बिना हुक्म मिले राजघाट पर क्या कर सकते थे संत्री
सुबह-सुबह लोग आने हो गए थे शुरू
पर अपने ही घर में थे अभी महागुरु
दस बजे बनाया था अनशन का पोग्राम
चारो तरफ लग गया था पुलिस का जाम
क्या कर रही है ये तानाशानी सरकार
आखिर अन्ना जी को कर ही लिया गिरफ्तार
हमें मिलकर हल्ला बोलना होगा
और इस नासूर को ख़त्म करना होगा
अगर हो मन में भ्रष्टाचार का खातमा करना
चलो उठो और कसो कमर नही तो ऐसे ही मरना
............... जय हिन्द ...............
"हमें मिलकर हल्ला बोलना होगा
ReplyDeleteऔर इस नासूर को ख़त्म करना होगा
अगर हो मन में भ्रष्टाचार का खातमा करना
चलो उठो और कसो कमर नही तो ऐसे ही मरना"
सही और आवश्यक सन्देश - अभी नहीं तो कभी नहीं
टीवी बता रहा है अन्ना जी ९.१५ पर रिहा होंगे
सहज अभिव्यक्ति प्रवाहमय जीवन्त रचना....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..
ReplyDelete.
ReplyDeleteअगर हो मन में भ्रष्टाचार का खातमा करना
चलो उठो और कसो कमर नही तो ऐसे ही मरना
जनता संगठित और सावधान हो जाए अब …
सुन्दर रचना !
मंगलकामनाओं सहित
-राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..........
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