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Saturday, December 31

नववर्ष कुछ हटकर


अब की बार देखना ,हम ऐसा नववर्ष मनायेगें ,
जो गहरी नींद सो रहे हैं ,उनको हम जगायेगें |
जो टुकड़े कर रहें हैं देश के ,उनको हम समझाएगें ,
इस देश में भाई -चारा तोड़ने वाली दिवार को गिरायेगें |
झौपड -पट्टियों में रहने वाले और गरीब बच्चों को खाना खिलाएगें ,
इन सभी लोगों की सुखी हुई बगिया को मह्कायेगें |
गरीब बच्चों और भिखारियों को नये-नये कपडें दिलवायेगें ,
चाहे कुछ भी हो जाए एक दिन तो इनके मन को बहलायेगें |
ये देश दिन रात करे तरक्की ऐसी तरकीब चलायेगें ,
इस देश में रहे ना कोई भी भूखा ऐसा कुछ कर जायेगें |
गरीबों को नहीं गरीबी को है हटाना ऐसा तन्त्र बनवायेगें ,
इस देश से हो भ्रस्टाचार खत्म ऐसा मंतर चलायेगें |
अब की बार शिमला ,मनाली ,डलहोजी नहीं जायेगें ,
अब की बार नया साल हम यहीं पर मनायेगें |
ये साल लाये हजारों खुशियाँ ऐसी मन्नत मनायेगें ,
अब की बार देखना हम ऐसा नववर्ष मनायेगें |  

Sunday, October 16

देश का भविष्य

सुनहरे सपने होती हैं बेटियां ,
दिल में अपने होती हैं बेटियां |
लेकिन कुछ लोग इस बात को नहीं मानते हैं ,
बेटियां क्या कर सकती हैं, वो ये नहीं जानते हैं |
घर के आँगन में चहकती हैं बेटियां ,
सभी के दिल में महकती हैं बेटियां |
ना करो कैद, इनको घर के कैदखाने में ,
आपको क्या दिक्कत है, इनको पढाने में |
माँ के सबसे करीब होती हैं बेटियां ,
हर इंसान का नसीब होती हैं बेटियां |
ये पढ़ेंगी ,लिखेंगी तभी तो कुछ मुकाम हासिल करेंगी ,
अगर नहीं पढ़ेंगी, तो जिन्दगी भर घुट -घुट कर मरेंगी |
इस देश में ऊँचे -ऊँचे मुकाम पा रहीं हैं बेटियां ,
आज तो  इस देश को भी चला रही हैं बेटियां |
हमारा नाम करेंगी रोशन अगर हम ये मान लेते हैं ,
पर कुछ निर्दयी लोग गर्भ में ही इनकी जान लेते हैं |
नौकरी करके भी सारा घर संभालती हैं बेटियां ,
अपने पति और उसके परिवार को पालती हैं बेटियां |
आने वाले वक्त में ना हो बुरा, तभी तो मार दी जाती हैं बेटियां ,
बेटे की चाहत में मौत के घाट उतार दी जाती बेटियां |
इज्जत की झूटी शान दिखाकर हम इनको मार रहें हैं ,
अपने सिर का भोज समझकर पहले ही उतार रहें हैं |
ना आना इस देश लाडो, ये तो हमारी आन है ,
जन्म से पहले ही मारना है ,ये तो हमारी शान है |
पूत कपूत हो सकता है पर अपनों का साथ निभाती हैं बेटियां ,
माँ बाप देखते रह जाते हैं और ससुराल चली जाती हैं बेटियां |
ये बेटा और बेटी का भेद तुमको ही मिटाना होगा ,
बेटी भी बेटा बन सकती है ये सबको दिखाना होगा | 

Sunday, October 2

हमारी प्यारी बेटियां





 बहुत दिनों से मेरे मन में एक बात आ रही थी ,
ये क्या हो रहा है, सोचकर मन को दुखा रही थी |
ये देश है प्यारा अपना,  भारत देश हमारा है ,
जहाँ पर बेटियों से, करना हमने किनारा है |
आने वाली औलाद  में, अपना वंस खोजते हैं ,
जो आएगा वो सिर्फ बेटा हो, सब ये ही सोचते हैं |
जब कन्यायों को देवी मानकर, हम उनकी पूजा करते हैं,
तो फिर क्यों  हम उनको , गर्भ में ही ख़तम करते हैं |
देवी माँ को खुश करने के लिए जिनको हम पूजते हैं ,
आस-पास नहीं मिलती,तो झौपड -पटियों में धुंडते है |
इन बेटियों को बचाओ, आप ही कुछ न कुछ करोगे,
अगर नहीं बचा सके तो, देवी माँ को कैसे खुश करोगे | 
*********** जय माता दी ****************

Sunday, September 18

कैसे -कैसे लोग

अगर हो मन में कुछ करने का जज्बा ,
तो कुछ भी कर जाते हैं , लोग |
देखा जाये तो लाखों लोग गरीब हैं यहाँ,
फिर भी विदेशों के बैंक भर जाते हैं, लोग|
जिन्होंने पैदा किया , काबिल बनाया ,
वक़्त आने पर उन्ही से किनारा कर जाते हैं लोग |
कई बार लाखों रूपये देकर भी , नौकरी नहीं मिलती ,
वरना एक सिफारिस से भी तो , तर जाते हैं लोग |
मैं किश्ती लेकर भी नदी पार कर न सका ,
वरना एक तिनके से भी तो दरिया पार कर जाते हैं ,लोग|
सारी जिन्दगी झूठ बोला , फरेब किया ,पैसा कमाया ,
और आखिर एक दिन मर जाते हैं ,लोग |

Saturday, September 10

आज -कल

बढ़ी ख़ुशी की बात है, की हम लोग भारत देश में पैदा हुए जवान हुए शाद्दी  हुई और आज दो -दो जवान बेटो के बाप है |
मेरा बेटा बारहवी करने के बाद मुझको बोला की पापा जी अब क्या करूँ  मैंने कहा की बेटा आगे पढ़ और इंजीनियरिंग कर इसका आने वाले वक़्त में बहुत क्रेज है | तेरे बहुत काम आएगा बेटा बोला की पापा जी कोई ऐसा काम बताओ जिसमें अच्छा पैसा हो मैं वो ही काम करूँगा मैंने कहा की बेटा ये तो इन्सान  की काबलियत पर निर्भर है की कितना पढ़ा लिखा है ,उसने कौन सा बढ़िया कोर्स किया है ,वो कैसा काम करेगा उसी के हिसाब से उसको नौकरी मिलेगी और उसी के हिसाब से उसको तन्खवाह भी मिलेगी | बेटा बोला पापा जी मैंने नहीं करनी आगे पढाई मै तो ऐसी नौकरी चाहता हूँ , जिसमें सिर्फ और सिर्फ पैसा हो मैंने कहा की बेटा पैसा ही सब कुछ नहीं होता है ,पैसे के बिना भी इन्सान के पास बहुँत कुछ होता है बेटा बोला की २२ साल हो गये आपको नौकरी  करते हुए एक साइकिल तक तो खरीद नहीं सके | मैंने कहा बेटा ईमानदारी  से  इतनी महंगाई में घर का खर्च चल जाये ये क्या कम है बेटा बोला की आप मुझे कंही से भी पांच लाख का जुगाड़ कर दो नौकरी मै आपने आप लग जाउगां और आपके पैसे छ महीने मे वापिस कर दूंगा  | इस सरकार में लाखों नौकरियां है मुझे कोई न कोई मिल ही जाएगी मैंने कहा की बेटे आप रिश्वत देकर नौकरी लगोगे उसके बाद रिश्वत लोगे ,हेराफेरी करोगे ,बेईमानी करोगे और भर्ष्टाचार को फलाओगे नहीं बेटा नहीं मै ऐसा कभी भी नहीं होने दूंगा | अभी आप ने देखा नहीं अन्ना हजारे जी ने रामलीला मैदान पर कितने दिन तक अनशन रखा था खुद मै दो दिन तक वही पर था | आप ऐसा करो की आगे पढाई करो और खूब पढो तो आप को अच्छी नौकरी जरुर मिल जाएगी | बेटा बोला पापा जी आप एक बात बताओ क्या ऐसा करने से  भर्ष्टाचार  मिट जायेगा नहीं पापा जी कभी भी नहीं मिट सकता | आज कल हम लोगो को रिश्वत देने की और रिश्वत लेने की लत लग चुकी है | अगर कोई शरीफ कर्मचारी बिना रिश्वत के काम कर भी देता है तो हम लोग जबरदस्ती (अरे बाबु जी ले भी लो ये तो मिठाई है आपके लिए नहीं मै तो बच्चो  के लिए दे रहा हूँ ) दे देगा ,ये भर्ष्टाचार कभी नहीं मिट सकता चाहे कोई रामलीला मैदान पर अनशन करे या लाल किले पर पापा जी आप मेरी बात मान जाओ और मेरा काम  कर दो मै आपको सभी सुविधाएं दे दुगा और इधर मै आज के सारे हालात पर सोचकर और बेटे की बाते सुनकर असमझ की स्थिति में हूँ अब क्या करूँ?
मै उन हिन्दुस्तानी लोगो को सलाम करता हूँ जो विदेश में रहकर भी आपने देश को भूले नहीं है
.................................जय हिंद  ..............  

Thursday, August 25

सुखी आदमी

 दोस्तों हम सुखी आदमी उसे मानते है जिसके पास धन दौलत हो, कार हो, बंगला हो, और एक सुन्दर सी बीबी हो बस ये चीजें देखकर हम सोचते है की भाई वो बन्दा बढे मज़े मे है पर ऐसा नहीं है शायद ही दुनिया में कोई आदमी होगा जो सब कुछ पाने के बाद भी सुखी होगा अगर किसी के पास  नीचे लिखी चारों पंक्तियाँ पूर्ण होती हो तो वो ही सही मायने मे सुखी माना जायेगा
1..सबसे पहले निरोगी काया,
2.. उसके बाद हो हाथ मे माया,
3...बच्चे हो अति हितकारी,
4...कहने मे चले जो  नारी,
और आपका क्या विचार है ........... 

 

Tuesday, August 16

भ्रष्टाचार और हजारे

पहले आया था एक बाबा
जो मैदान छोड़कर भागा
और अब आये हैं  एक हजारे
पर दुश्मन हैं  बहुत सारे
राज घाट पर मौन व्रत करके डेरा जमाया
दो घंटे से भी ज्यादा ध्यान लगाया
जुट गई थी भीड़ भी बहुत भारी
पुलिस भी आ गई थी बहुत सारी
मै डर गया की अब बाबा जैसा न हो हाल
पर अन्ना जी के समर्थक आराम से ले गए निकाल
अब सात बजे बुला रखी थी पत्रकारों की टोली
वहीँ पर अन्ना जी ने  बहुत ही अच्छी -अच्छी बाते बोली
वो बोले की दुसरे की भाषा बोल रहे हैं  प्रधानमंत्री
बिना हुक्म मिले राजघाट पर क्या कर सकते थे संत्री
सुबह-सुबह लोग आने हो गए थे शुरू
पर अपने ही घर में थे अभी महागुरु
दस बजे बनाया था अनशन का पोग्राम
चारो तरफ लग गया था पुलिस  का जाम
क्या कर रही है ये तानाशानी सरकार
आखिर अन्ना जी को कर ही लिया गिरफ्तार
हमें मिलकर हल्ला बोलना होगा
और  इस नासूर को ख़त्म करना होगा
अगर हो मन में भ्रष्टाचार का खातमा करना
चलो उठो और कसो कमर नही तो ऐसे ही मरना
   ............... जय हिन्द ...............

Saturday, August 13

रक्षा बंधन

दोस्तों आज रक्षा बंधन है सभी को हार्दिक सुभकामनाएँ
आज के दिन बहन अपने  भाई को कलाई पर एक धागा
बांधती है उसे कहते है राखी यानि रक्षा और भाई अपनी  बहन  से वादा करता है की  मै जीवन भर तेरी रक्षा करूँगा  और दुःख में सुख में रक्षा करता भी है
आज कल बाज़ार मे कहीं अन्ना जी की  फोटो.. की राखी कहीं  पर भरष्टाचार मिटाओ .. शराब मत पीओ ..  और भी बहुत से बैनर वाली और बहुत ही महंगी से महंगी राखिंया मिलती है पर असल में ये एक धागे का ही त्योहार है सिर्फ दिल की बात है ..पर दोस्तों आज कल
कोई भी माँ बहन बाज़ार या सड़क पर जाती है तो लोग उन पर फब्तियां कसते है अश्लील इशारे  करते है क्या हो  रहा है ये... लोग अपनी बहन को तो बहन समझते है दुसरे की बहन को कुछ नहीं समझते जिसको वो छेड़ते है वो किसी न किसी की तो बहन होगी अगर  हम किसी को माँ -बहन नहीं बना सकते पर इज्जत करना तो सीख़ ही सकते है

चार लड़के कॉलेज में आपस में बात करते हुए ..पहला यार वो पीले सुट वाली लड़की देखी कितनी खुबसुरत लग रही है सारे वाह-वाह करने लगे ..दूसरा यार इसको छोड़ो उसको देखो जो नीला सुट पहने हुए है वो तो गजब ढा रही है पहला अरे वो मेरी बहन लगती है दूसरा सॉरी यार ....

Monday, August 8

ये दिल बेचारा

तेरे बिना कुछ नहीं है इस जंहा में, तभी है तू इतना धड़कता
 ये तन भी तेरे बिना कुछ नहीं,तभी है तू इतना फडकता
 दुसरे की खुशियाँ देखकर तभी है तू इतना तडफता
 तू  होता सब के पास एक समान तो बम ,धमाके न मानव बम धधकता
 जालिम तेरे उपर है सारी जिमेदारी तभी है तू इतना अकड़ता
अगर तू होता इतना सीधा तो कोई भी आपस में नहीं झगड़ता
अगर तू न होता इस दुनिया में कोई भी अपना सीना न पकड़ता
काश तू न होता तो आज किसी को भी heart-attack से न मरना पड़ता
                                 

Sunday, August 7

हकीकत

बात कुछ दिन पहले की है मैंने एक जरुरी काम से शाम को अपने एक जानकार के यंहा फोन किया फोन भी उन्होंने ही उठाया बात शुरू हुई हाल- चाल से मैंने कहा की नमस्कार भाई साहिब उधर से भी आवाज आई नमस्कार मैंने कहा की और सुनाओ क्या हाल है वो कहने लगे की पुछो मत बहुत बुरा हाल है मै परेशान हो गया की पता नहीं क्या बात हो गयी जो बुरा हाल है मैंने कहा की कोई दिक्कत है तो बताओ वो कहने लगे कोई दिक्कत नहीं है भगवान ने  मोज कर रखी है मैंने कहा की कुछ तो बताओ वो कहने लगे की अरे ये लो आप की भाभी आ गयी है इन्ही से पुछ लो क्या बात हो गयी है हैलो.. नमस्कार  भाई साहिब .. नमस्कार भाभी जी और सुनाओ भाई साहिब बड़े परेशान थे क्या बात हो गयी है भाभी कहने लगी की अरे भाई साहिब कुछ नहीं हुआ अपना जो मुन्ना है ना वो बहुत परेशान कर रहा है मैंने कहा की कोई दिक्कत होगी डॉक्टर को दिखा लो वो कहने लगी की ऐसी कोई बात नहीं है जो डॉक्टर को दिखाऊ.... मैंने कहा की कोई तो बात होगी वो कहने लगी की क्या बताऊ ये अपना जो मुन्ना है ना ये रात को रोता है और दिन में सोता है मैंने कहा की दिन मे सोना बंद करादो अपने आप रात मे सोएगा अरे भाई साहिब देखिये ये हंस रहा है लो आपकी  बात कराती हूँ  ले ले मेला मुन्ना चाचू से बात कलेगा .....उधर भाभी जी जो शुरू हुई की रुकने का नाम नहीं ले रही थी अब एक साल का बच्चा क्या बात करेगा मैंने तंग होकर फ़ोन काट दिया और दस मिनट के बाद फ़ोन मिलाया तो भाभी जी बोली की फ़ोन कट गया था मैंने कहा की मुन्ने का हाथ लगने से कट गया होगा भाभी कहने लगी की बात कराऊ मुन्ने से मैंने कहा की नहीं- नहीं मैंने तो एक जरुरी बात कहनी थी की मै बारह तारीख की बजाये पचीस तारीख को आऊंगा ..और इतना कहकर मैंने फ़ोन काट दिया.................................. मेरा कहने का मतलब था की दो मिनट की बात मे बीस मिनट लग गए और अक्सर ऐसा ही होता है हम अनजाने में  अपना पैसा और वकत दोनों बर्बाद कर देते है  .........   

Thursday, July 21

शराब के नुकसान

एक डॉक्टर शाम को  थका -हारा घर आया और आते ही सोफे पर पसर गया मिसिज डॉक्टर कहने लगी क्या बात जी आज बहुत थके -थके लग रहे हो ? कोई बात नहीं है तुम जल्दी से गिलास और बर्फ ले कर आओ आज बहुत थक गया हूँ और वो बोतल भी पकड़ा दो मिसिज कहने लगी आज कंहा गए थे डॉक्टर बोला मत पूछ आज दस -बारह गावों में सेमिनार करना था और लोगों को शराब के नुकसान बताने थे और लोगों को ये समझाना था की  शराब न पियें ..... 

Sunday, July 17

हंसी -मजाक

एक बार राम और श्याम सड़क पर जा रहे थे राम श्याम से बोला की अगर मुझे सड़क से दस रूपये मिल गए तो मै तुझे कुछ भी नहीं दूंगा श्याम बोला की जब हम इक्कठे है तो मेरी आध बनती है देगा कैसे नहीं और इसी बात पर आपस में मार पिटाई शुरू हो गई आपस में एक दुसरे को मारने लगे ऊधर से एक आदमी गुजर रहा था उसने पुछा की बात क्या है जब बात पता चली तो उसने पुछा की दस का नोट  कहाँ है वो कहने लगे की वो तो अभी पाए नहीं हैं तो उसने कहा की फिर आपस में क्यों लड़ रहे हो ...

अपनी -अपनी डफली अपना -अपना राग भाग डी के बोश भाग -भाग -भाग

 आज कल एक फिल्म बड़े जोर शोर से चर्चा में है और फिल्म में मज़ा भी बहुत आया होगा बहुत अच्छी बात है मज़ा आना भी चाहिए क्योंकि हम फिल्मों में मज़ा लेने ही तो जाते हैं परन्तु मुझे यह फिल्म देखकर बिलकुल भी मज़ा नहीं आया उलटे मेरा मन इसे देखकर बहुत उदास हो गया की क्या हो रहा है? कहाँ जा रहा है हमारा युवा समाज ?कौनसी दिशा देना चाह रहे हैं हमारे महत्वाकांक्षी निर्माता निर्देशक इस समाज  को? क्या इस  प्रकार  हम अपनी सभ्यता और संस्कृति को बचा पायेंगे ? जिस प्रकार आजकल फिल्मों में गालियों का फैशन बढ़  गया है तो क्या हम फिल्मों में नयी नयी  गालियाँ सुनने जाते हैं वोह भी इतनी गन्दी व भद्दी कि गाली को खुद के गाली होने पर ही शर्म आ जाए अभी यह बात भी उठ रही है कि सेंसर वालों ने इसे पास कैसे कर दिया ? वोह आपको मैं बताता हूँ कि कैसे सेंसर वाले फिल्म पास कर देते हैं मुझे लगता है फिल्म के अंदर सबसे पहले फिल्म का निर्माता निर्देशक कौन है कैसी फ़िल्में बनाता है देखा जाता है हीरो हिरोइन कौन है इन्हें इग्नोर कर दिया जाता है और इतने बड़े और साफ़ छवि वालों  कि फ़िल्में सेंसर वाले इतने ध्यान से नहीं देखते अगर देखते भी हैं  तो बड़ी चतुराई और सोची समझी योजना से उन्हें देखने नहीं दिया जाता क्योंकि निर्माता निर्देशकों के चमचों को पता होता है कि कितने अंतराल के बाद गाली आनी है  जैसे ही गाली या अश्लील सामग्री आने को होती है उनके द्वारा छोड़े गए चमचों द्वारा  बड़ी शालीनता से समोसे आदि सेंसर वालों के सामने पेश कर दिए जाते हैं लीजिये सर गरमा गर्म समोसे मैडम आप भी लीजिये प्लीज और इसी सिलसिले में गाली या अश्लील सामग्री वाला सीन निकल जाता है फिर दोबारा जब सीन आने को होता है चमचे दुबारा फिर जिन्न कि भांति ठंडा आदि लेकर हाजिर हो जाते हैं अब इतना खा पीकर ऊपर  से  ए.सी. की ठंडी-ठंडी हवा आ रही हो तो  नींद आनी तो लाजमी है धीरे धीरे नींद आ जाती है और बीच में कभी कभी नींद खुलती है धीरे- धीरे  फिल्म भी सामने से निकलती  जाती है  बाद में सेंसर वाले सफाई देते हैं कि फिल्म अच्छी है कोई भाग रहा था और जोर-जोर  से आंधी आ रही थी भला बीच -बीच में आँख खुलेगी तो कोई न कोई भागता नजर तो आएगा ही और इस प्रकार हो हल्ला करके हम सारा दोष सेंसर के मथ्थे मढ़कर अपने अपने रास्ते चल देते हैं अपने योगदान से फिल्म को हिट बना देते हैं जरा सोचिये दोस्तों किस प्रकार हम अपने आदर्शों और मूल्यों कि रक्षा कर सकेंगे और आने वाली पीढ़ियों को क्या देकर जायेंगे इस संसार में सभी आजाद हैं सभी कि अपनी अपनी सोच है दूसरों कि गलत  सोच को अपने ऊपर लादना भी हमारी अपनी बुद्धि  और विवेक का हिस्सा है