सुनहरे सपने होती हैं बेटियां ,
दिल में अपने होती हैं बेटियां |
लेकिन कुछ लोग इस बात को नहीं मानते हैं ,
बेटियां क्या कर सकती हैं, वो ये नहीं जानते हैं |
घर के आँगन में चहकती हैं बेटियां ,
सभी के दिल में महकती हैं बेटियां |
ना करो कैद, इनको घर के कैदखाने में ,
आपको क्या दिक्कत है, इनको पढाने में |
माँ के सबसे करीब होती हैं बेटियां ,
हर इंसान का नसीब होती हैं बेटियां |
ये पढ़ेंगी ,लिखेंगी तभी तो कुछ मुकाम हासिल करेंगी ,
अगर नहीं पढ़ेंगी, तो जिन्दगी भर घुट -घुट कर मरेंगी |
इस देश में ऊँचे -ऊँचे मुकाम पा रहीं हैं बेटियां ,
आज तो इस देश को भी चला रही हैं बेटियां |
हमारा नाम करेंगी रोशन अगर हम ये मान लेते हैं ,
पर कुछ निर्दयी लोग गर्भ में ही इनकी जान लेते हैं |
नौकरी करके भी सारा घर संभालती हैं बेटियां ,
अपने पति और उसके परिवार को पालती हैं बेटियां |
आने वाले वक्त में ना हो बुरा, तभी तो मार दी जाती हैं बेटियां ,
बेटे की चाहत में मौत के घाट उतार दी जाती बेटियां |
इज्जत की झूटी शान दिखाकर हम इनको मार रहें हैं ,
अपने सिर का भोज समझकर पहले ही उतार रहें हैं |
ना आना इस देश लाडो, ये तो हमारी आन है ,
जन्म से पहले ही मारना है ,ये तो हमारी शान है |
पूत कपूत हो सकता है पर अपनों का साथ निभाती हैं बेटियां ,
माँ बाप देखते रह जाते हैं और ससुराल चली जाती हैं बेटियां |
ये बेटा और बेटी का भेद तुमको ही मिटाना होगा ,
बेटी भी बेटा बन सकती है ये सबको दिखाना होगा |
दिल में अपने होती हैं बेटियां |
लेकिन कुछ लोग इस बात को नहीं मानते हैं ,
बेटियां क्या कर सकती हैं, वो ये नहीं जानते हैं |
घर के आँगन में चहकती हैं बेटियां ,
सभी के दिल में महकती हैं बेटियां |
ना करो कैद, इनको घर के कैदखाने में ,
आपको क्या दिक्कत है, इनको पढाने में |
माँ के सबसे करीब होती हैं बेटियां ,
हर इंसान का नसीब होती हैं बेटियां |
ये पढ़ेंगी ,लिखेंगी तभी तो कुछ मुकाम हासिल करेंगी ,
अगर नहीं पढ़ेंगी, तो जिन्दगी भर घुट -घुट कर मरेंगी |
इस देश में ऊँचे -ऊँचे मुकाम पा रहीं हैं बेटियां ,
आज तो इस देश को भी चला रही हैं बेटियां |
हमारा नाम करेंगी रोशन अगर हम ये मान लेते हैं ,
पर कुछ निर्दयी लोग गर्भ में ही इनकी जान लेते हैं |
नौकरी करके भी सारा घर संभालती हैं बेटियां ,
अपने पति और उसके परिवार को पालती हैं बेटियां |
आने वाले वक्त में ना हो बुरा, तभी तो मार दी जाती हैं बेटियां ,
बेटे की चाहत में मौत के घाट उतार दी जाती बेटियां |
इज्जत की झूटी शान दिखाकर हम इनको मार रहें हैं ,
अपने सिर का भोज समझकर पहले ही उतार रहें हैं |
ना आना इस देश लाडो, ये तो हमारी आन है ,
जन्म से पहले ही मारना है ,ये तो हमारी शान है |
पूत कपूत हो सकता है पर अपनों का साथ निभाती हैं बेटियां ,
माँ बाप देखते रह जाते हैं और ससुराल चली जाती हैं बेटियां |
ये बेटा और बेटी का भेद तुमको ही मिटाना होगा ,
बेटी भी बेटा बन सकती है ये सबको दिखाना होगा |
धन्यवाद |
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति ।
मिटाना ही होगा भेद ||
सही कहा आपने ये अन्तर तो हटाना ही होगा,
ReplyDeleteना आना इस देश लाडो, ये तो हमारी आन है ,
ReplyDeleteजन्म से पहले ही मारना है ,ये तो हमारी शान है |
बखूबी उकेरा है आपने बहुत सी बातों को ...आपका आभार
Seedhi sachhi baat kahi hai aapne
ReplyDeleteसच को स्वीकारने का अनुपम प्रयास. सुंदर भाव से लिखी सुंदर कविता.
ReplyDeleteबहुत अच्छे भाव हैं आपके बेटियों के बारे में ,काश सभी इस बात को समझे प्रक्रति के इस समन्वय के साथ खिलवाड़ न करें बहुत अच्छा लिखा है
ReplyDeleteसच्चाई से रूबरू करवाने का आभार....
ReplyDeleteआपका पोस्ट अच्छा लगा । धन्यवाद । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है ।
ReplyDeletebahut acchha sandesh deti rachna.
ReplyDeleteबहुत अच्छे भाव .......
ReplyDeleteये बेटा और बेटी का भेद तुमको ही मिटाना होगा ,
ReplyDeleteबेटी भी बेटा बन सकती है ये सबको दिखाना होगा |
बहुत सुंदर प्रस्तुति !!
बहुत बढ़िया लिखा है आपने! लाजवाब प्रस्तुती!
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
बहुत ही अच्छे भाव से सजी खुबसूरत रचना है ..
ReplyDeleteक्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteमेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/
पूत कपूत हो सकता है पर अपनों का साथ निभाती हैं बेटियां ,
ReplyDelete....बहुत ही मर्मस्पर्शी और भावपूर्ण प्रस्तुति...
मर्मस्पर्शी
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति!
ReplyDelete